"तेजपत्ता: आयुर्वेद में उपयोग और स्वास्थ्य लाभ"
भारत के रसोई घर में मसालों का प्रयोग बहुत ज्यादा प्रचलित है।मसालों की सुगंध की वजह से भोजन स्वादिष्ट और खुशबूदार बनता है। जिससे भोजन में एक अलग ही स्वाद आ जाता है।वैसे तो मसालों में बहुत मसाले हैं,पर आज हम मुख्य रूप से तेजपत्ता की बात करेंगे।
तेजपत्ता:
तेजपत्ता अपने में एक अनोखी चीज है।इसके अंदर बहुत से न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जैसे मैग्नीशियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, आयरन ,कैल्शियम, फाइबर ,विटामिन बी6 और विटामिन A ।
तेजपत्ता मसालों में तो प्रयोग होता है ही इसके अलावा यह आयुर्वेद के अनुसार बहुत सी शारीरिक बीमारी में भी काम आता है जैसे:
डायबिटीज:
आज बहुत लोग डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे हैं।तेज पत्ता के पत्ते के अंदर पॉलीफेनॉल्स नामक पोषक तत्त्व पाया जाता है,जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। इसलिए तेजपत्ता को डायबिटीज में बहुत लाभदायक माना जाता है।
सांस के पेशेंट के लिए :
बहुत से लोगों को सांस लेने में प्रॉबलम होती है।क्योंकि बैक्टीरिया उनके फेफड़ों को जकड़ लेते हैं।जिससे उन्हे रेस्पिरेटरी प्रॉबलम बढ़ जाती है। इस परिस्थिति में तेजपत्ते का काढ़ा बनाकर पिए।इससे बहुत लाभ मिलेगा।
सिर की डैंड्रफ में असरदार:
ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने तेज पत्ता का इस्तेमाल करके डैंड्रफ और हेयर लॉस से छुटकारा पाया है। ऐसा माना जाता है कि तेज पत्ता के मिक्सचर से बाल धोने पर बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और स्कैल्प से इंफेक्शन हट जाता है। जो कि डैंड्रफ को गंभीर बनाता है।
प्रोटीन का अच्छा स्रोत:
इस मसाले के अंदर फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, विटामिन बी6, विटामिन ए आदि होते हैं। इसमें प्रोटीन भी काफी होता है, जो शरीर में प्रोटीन की कमी होने से रोक सकता है।